GETTING MY MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झार??

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लॉर्ड लैंसडाउन ने वाइसराय के रूप में कार्य किया

 – काले और लाल बर्तन की संस्कृति (१३००–१००० ई.पू.)

दंतीदुर्गा द्वारा राष्ट्रकूट वंश की स्थापना

साम्प्रदायिकता का इतिहास भारत में साम्प्रदायिकता की समस्या एवं हिन्दू प्रतिरोध

महागरा (यूपी), हल्लूर (एपी), पैयमपल्ली (एपी), मस्की, कोडेकल, संगना कल्लर, उटनूर, टक्कला कोटा) महत्वपूर्ण नवपाषाण स्थल हैं।

गेरूए रंग के मिट्टी के बर्तनों संस्कृति (२००० ई.पू. से)

प्राचीन भारत का इतिहास पाषाण युग से लेकर इस्लामी आक्रमणों तक है। इस्लामी आक्रमण के check here बाद भारत में मध्यकालीन भारत की शरुआत हो जाती है। प्राचीन भारतीय इतिहास का घटनाक्रम

प्रारंभिक वैदिक युग, जिसे ऋग्वेद युग भी कहा जाता है

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शेरशाह द्वारा सूर साम्राज्य की स्थापना

गुप्तोत्तरकाल का इतिहास जानने के प्रमुख साधन राजकवियों द्वारा लिखित अपने संरक्षकों के जीवनचरित और स्थानीय इतिवृत्त हैं। जीवनचरितों में सबसे प्रसिद्ध बाणभट्टकृत ‘हर्षचरित’ में हर्ष की उपलब्धियों का वर्णन है। वाक्पतिराज के ‘गौडवहो’ में कन्नौज नरेश यशोवर्मा की, बिल्हण के ‘विक्रमांकदेवचरित’ में परवर्ती चालुक्य नरेश विक्रमादित्य की और सन्ध्याकर नंदी के ‘रामचरित’ में बंगाल शासक रामपाल की उपलब्धियों का वर्णन है। इसी प्रकार जयसिंह ने ‘कुमारपाल चरित’ में और हेमचंद्र ने ‘द्वयाश्रय काव्य’ में गुजरात के शासक कुमारपाल का, परिमल गुप्त (पद्मगुप्त) ने ‘नवसाहसांक चरित’ में परमार वंश का और जयानक ने ‘पृथ्वीराज विजय’ में पृथ्वीराज चौहान की उपलब्धियों का वर्णन किया है। चंदवरदाई के ‘पृथ्वीराज रासो’ से चहमान शासक पृथ्वीराज तृतीय के संबंध में महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ मिलती हैं। इन जीवनचरितों में तत्कालीन राजनीतिक स्थिति का पर्याप्त ज्ञान तो होता है, किंतु इन ग्रंथों में अतिशयोक्ति के कारण इन्हें शुद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ नहीं माना जा सकता है।

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रोमन साम्राज्य का इतिहास एवं इटली का एकीकरण

वाजिद अली शाह: उन्हें व्यापक रूप से जान-ए-आलम और अख्तर पिया और अवध के अंतिम राजा के रूप में कहा जाता था, लेकिन ब्रिटिश लॉर्ड डलहौजी को गलतफहमी के आधार पर हटा दिया गया था। शास्त्रीय संगीत और नृत्य शैलियों के कालका-बिंदा भाइयों जैसे कलाकारों के साथ, वहां के दरबार में स्पॉट किए गए।

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